संस्कृत की संस्कृति बचाने वाले ढोंगी, अंग्रेज़ो का लिबास पहनकर एक मुसलमान को संस्कृत विज्ञान पढ़ाने से रोकने आएं हैं!
जिनको शायद संस्कृत का सही से श्लोक न आता हो वह धरना दिए बैठे हैं!
इनको ऋषि शर्मा बीएचयू में उर्दू का प्रोफेसर चाहिए लेकिन फ़िरोज़ खान को बिल्कुल भी इजाज़त नहीं है कि वह संस्कृत पढ़ाएं!
इनको केरल के कॉलेज में अरबी की 29 साल तक पढ़ाने वाली प्रोफेसर गोपालिका अन्थरजन्म चाहिए लेकिन बीएचयू में फ़िरोज़ नहीं चाहिए संस्कृत पढ़ा सके,
आप वेदों के ज्ञाता एपीजे अब्दुल कलाम के चरणों में गिर जाते हैं कि आदर्श मुस्लिम, आदर्श भारतीय ऐसा होना चाहिए ।
आप संस्कृत विद्वान केके मोहम्मद की तारीफ करते नहीं थकते कि ये है ईमान वाला मुसलमान जिसने सच बोलकर रामलला को इंसाफ दिलाया ।
फ़िर आचार्य फिरोज़ का विरोध क्यों ?
रमज़ान खान जो श्रीकृष्ण के भक्त और गौपालक हैं बचपन से वह अपने बाप के साथ आजतक भजन कीर्तन करते आ रहे हैं तब आपको तकलीफ नहीं हुई!
ज़फ़र सहरेशवाला साहब ने उस कमिटी को जब कॉल करके पूछा कि क्या सेलेक्शन का तरीका सही अपनाया गया है तो वह सब बोले कि सर सबसे मुश्किल गाइडलाइंस बनाकर सेलेक्शन हुआ है जिसमें बाक़ी जो हिन्दू एप्लिकेंट थे उनके 2 से 3 ही नम्बर आये लेकिन फ़िरोज़ को 10 में 10 इसलिए दिया गया कि उसने सारे सवालों का जवाब एकदम सही दिया है और अगर इसका सेलेक्शन नहीं होता है तो यह हमारी इथिक के खिलाफ है और इसमें फिर हम सबको रिज़ाईन दे देना चाहिए!
इनको बस वन्देमातरम और भारतमाता की जय बोलने वाला मुसलमान चाहिए लेकिन संस्कृत पढ़ाने वाला नहीं!
देश में बस कुछ ही हज़ार ख़ासकर हिन्दू बचे हैं जो संस्कृत पढ़ते हैं ऐसे में खत्म हो रही एक भाषा को अगर कोई मुसलमान ज़िन्दा करना चाह रहा है तो खुश होने के बजाय उसे अलग करना चाह रहे हो तो फिर सेकुलरिज़्म की मिसालें देना बंद कर देना चाहिए।
लेकिन वहीँ पर जब एक बड़ी जमात फ़िरोज़ जैसे लोगों के साथ ज़मीन से लेकर सोशल मीडिया और टीवी पर सपोर्ट करते दिखता है तो एक उम्मीद ज़रूर जग जाती है।
आज के वक़्त में समाज में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि अगर दो बच्चों को एक साथ खड़े करदो और उनमें एक अंग्रेज़ी पढ़ने वाला हो और दूसरा संस्कृत, फिर वह तो खुद ही अपने आप को बैकवर्ड समझने लगेगा और जो थोड़ा बहुत है वह समाज के तथाकथित लोग उसको हिकारत की नज़र से देखने लगेंगे कि अरे संस्कृत ही तो पढ़ रहा है, उसके पीछे उसकी मेहनत और लगन नहीं देखी जाएगी!
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