पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व राष्ट्रीय कानून मंत्री 95 वर्ष की आयु में इस दुनिया से रुखसत होने वाले देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी की ज़िंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें जानते हैं:
आज़ाद भारत में क्राइम मामलों का केस लड़ने में राम जेठमलानी से बड़ा शायद कोई वकील नहीं हुआ है. वह सुप्रीम कोर्ट बनने से पहले से वकालत कर रहे थे।
देश के मशहूर वकील राम जेठमलनी का जन्म पाकिस्तान (तब भारत का हिस्सा था ) के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था.
पढ़ने में बेहद तेज़ रहे जेठमलानी ने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई एक साल में ही पूरी कर ली थी और मात्र 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर गये थे.
जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा भी वकील थे. शायद इसलिए राम जेठमालनी का भी झुकाव वकालत के पेशे की ओर हुआ. पाकिस्तान बनने के बाद वहां हालात लगातार खराब हो रहे थे. राम जेठमलानी अपने एक दोस्त की सलाह पर मुंबई आ गए थे. यहां उन्होंने रिफ्यूजी कैंप में काफी दिनों तक रहे. राम जेठमलानी के लड़े हुए केसों पर कई फिल्में बन चुकी हैं। आज़ाद भारत में वकालत के पेशे को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने वाले राम जेठमलानी जब वे 94 वर्ष के थे तब उन्होंने घोषणा की कि वे अब कोई मुकदमा नहीं लड़ेंगे. सात दशक लंबे वकालत का पेशा छोड़ने की घोषणा करते हुए राम जेठमलानी ने कहा कि अब वह केवल भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे. आइए देश के इस जाने माने वकील की ज़िंदगी से जुड़ी कुछ अहम अनसुनी बातें जानते हैं.
महज 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री लेने वाले राम जेठमलानी पहले ही केस में चर्चित हो गए थे.
★यह केस 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का था. इसमें जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था. बाद के दिनों में चंद्रचूड़ देश के चीफ जस्टिस भी बने. इसी केस के ऊपर अक्षय कुमार की फिल्म 'रूस्तम' बनी है. केएम नानावती मर्डर हाई प्रोफाइल मिस्ट्री केस के बाद सुर्खियों में आए राम जेठमलानी ने मुंबई और दिल्ली के विभिन्न कोर्ट में कई स्मलगरों के केस की पैरवी की.
★अपनी दलीलों के दम पर जेठमलानी ने ज्यादातर केस में स्मगलरों के लिए केस जीतते रहे. इसी वजह से 70 और 80 के दशक में जेठमलानी को 'स्मलगरों का वकील' भी कहा जाने लगा था.
राम जेठमलानी बेहद ज़िद्दी स्वभाव के माने जाते थे. वे जब तक किसी मुकदमे को जीत नहीं लेते वे उसमें जी-जान से लगे रहते थे. राम जेठमलानी आज़ाद भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक थे, ये किसी केस की पैरवी के लिए एक तारीख पर जाने के बदले करोड़ रुपए तक की फीस लेते थे. यूं तो राम जेठमलानी का झुकाव शुरू से ही राजनीति की तरफ रहा पर वकालत के पेशे में उन्होंने कभी भी किसी दल या संगठन का केस लड़ने में भेदभाव नहीं किया. यही वजह है कि शुरुआती दिनों में
★सीपीआई के विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के मामले में शिव सेना की तरफ से पैरवी की थी.
★पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जहां पूरे देश में कोई भी वकील आरोपियों सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने को तैयार नहीं था तब राम जेठमलानी ने ही आगे बढ़कर इस केस को अपने हाथ में लिया था.
★जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन की भी पैरवी कर चुके हैं. यह केस मद्रास हाईकोर्ट में चला था. आरोपियों की ओर से वकील के तौर पर पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रक़ैद में तब्दील कराया था.
★ मुंबई के मशहूर डॉन हाजी मस्तान के ऊपर बनी अजय देवगन की फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' तो आपने देखी ही होगी. 1960 के दशक में इस डॉन के स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी.
★जेठमलानी ने सोहरबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री (वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय ग्रह मंत्री) अमित शाह की पैरवी की थी.
★2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पेश हुए थे.
★साल 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में कोर्ट में पेश हुए थे.
★उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पेश हुए थे.
★2G घोटाले में डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से पेश हुए थे.
★बड़े कारोबारियों में से एक सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय के लिए राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर चुके हैं.
★जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी मनु शर्मा की तरफ से पेश हुए थे.
★कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे.
★शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे.
★2G घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई थी.
★जेठमलानी ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से भी पैरवी की थी.
★राम जेठमलानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि का केस भी लड़ चुके हैं. हालांकि इसी दौरान फीस को लेकर उनका केजरीवाल से कुछ आरोप-प्रत्यारोप भी हुआ था.
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