चन्द्रयान का सम्पर्क टूटते ही प्रधानमंत्री और इसरो के चेयरमैन गले मिलकर रो दिये और मीडिया ने उसे अपनी भक्ति में दिन भर रो रोकर पूरे देश को रुलाने पर डटे रहे और अभी 2, 3 दिन तक यही रोने वाला ड्रामा करते रहेंगे।
मुझे पूरी उम्मीद है इसरो क़ामयाब ज़रूर होगी एकदिन और मेरी दुआयें हैं इसरो के वैज्ञानिकों के साथ और पूरी सहानुभूति भी!
लेकिन,
क्या आपने सोंचा कभी जो एक महीने से ज़्यादा अपनों से सम्पर्क न हो पाने पर कश्मीरी अवाम का क्या हाल हो रहा होगा? उन्हें पता भी नहीं है कि उनका अपना ज़िन्दा भी है या नहीं।
काश तुम सब हंसने वालों के साथ ज़रूर यह घटना घटे, काश नजीब के गायब होने पर हंसने वालों के साथ उनकी ज़िंदगी में एकबार उनके घर भी नजीब जैसा कोई अपना भाई गायब ज़रूर हो, काश मोब लिंचिंग में मारे जाने वाले लोगों पर हंसने वालों तुम्हारे साथ भी ऐसा हो तब एहसास होगा कि आज तुम कश्मीरियों पर हंस रहे हो कल जब तुम्हारे साथ भी यही हो तब ज़रूर एहसास होगा!
1000 से ज़्यादा छात्र कश्मीर के एएमयू में पढ़ रहे हैं वह दिन रात कैसे रह रहे हैं शायद अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है।
आपने चन्द्रयान पर 900 करोड़ से ज़्यादा रुपये खर्च कर दिया कोई बात नहीं उसकी भरपाई हो जाएगी लेकिन किसी माँ, बाप का उसके बेटे से अलग कर देना और बीवी को शौहर से अलग कर देना शायद ही इतिहास आपको भुला पाए।
#KashmirStillUnderCurfew
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